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संस्कॄत में अनुवाद

हिन्दी से संस्कॄत में अनुवाद करने के लिये तीनो काल , भूत, भविष्य, तथा वर्तमान , कालों के प्रत्यय , तीनों वचन , एक वचन , द्विवचन , तथा बहुवचन   कारक परिचय , विभक्तियाँ ,प्रथमा से लेकर सप्तमी तक सातों विभक्तियाँ , आदि….. कुछ प्राथमिक बातों का ज्ञान होना आवश्यक है। इन सारी बातों का ज्ञान होने के पश्चात हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करना सरल हो जाता है           मै जाता हूँ ।    अहम् गच्छामि   । वर्तमान काल   में धातु इस प्रकार चलाई जाती है                    एक वचन               द्विवचन           बहुवचन उत्तम पुरुष       गच्छामि               गच्छावः             गच्छामः मध्यम पुरुष       गच्छसि               गच्छथः              गच्छथ अन्य पुरुष           गच्छति              गच्छ्तः               गच्छन्ति इसी प्रकार जितनी भी धातुएँ है , अर्थात जितनी भी क्रियाएँ है, जैसे खाना, पीना, जाना उठना , बैठना , दोड़ना    इन सभी में ये प्रत्यय लगाये जाते है ।क्रिया उसे कहते है जिस कार्य को किया जाता है । कर्ता उसे कहते है जो कार्य को करता है   ।मैं जाता हूँ    - मैं कर्ता    जात